लखनऊ, 24 अप्रैल 2025।
गर्मी का पारा चढ़ते ही नवाबों के शहर में आगजनी की घटनाएँ रोज़मर्रा का ख़तरा बनती जा रही हैं। ताज़ा मामला गुरुवार सुबह सामने आया जब नादरगंज पावर‑हाउस के ट्रांसफॉर्मरों और आसपास की झाड़ियों में भीषण आग भड़क उठी। सरोजनी नगर फ़ायर स्टेशन से प्रभारी अग्निशमन अधिकारी सुमित प्रताप सिंह दो फ़ायर टेंडर लेकर पहुँचे और बिजली सप्लाई काटने के बाद टीम ने एक घंटे की कड़ी मशक्कत में लपटों पर पूरी तरह क़ाबू पा लिया। कोई जनहानि नहीं हुई, मगर समय पर कार्रवाई न होती तो आधे शहर की बिजली ठप पड़ सकती थी। महज़ कुछ दिन पहले, 14 अप्रैल को लोकबंधु राज नारायण संयुक्त चिकित्सालय में लगी आग ने प्रशासन की तैयारियों पर सवाल उठा दिए थे। इमरजेंसी विंग से उठी लपटें ऑपरेशन थियेटर व स्टोर रूम तक फैल गईं, मेडिकल उपकरण व दवाएँ राख हो गईं। कई यूनिट आज भी बंद पड़ी हैं, जिसके चलते गंभीर मरीज़ों—ख़ासकर “राजू” तथा अन्य बर्न‑केयर रोगियों—को रेफ़रल या निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि नुकसान का आकलन पूरा होते ही मरम्मत तेज़ की जाएगी, पर फिलहाल सैकड़ों रोगियों का इलाज अटका हुआ है। पावर‑हाउस ऑपरेशन ने दिखाया कि दमकल कर्मियों का साहस और त्वरित समन्वय बड़े हादसे टाल सकता है। • लोकबंधु कांड ने यह भी उजागर किया कि अस्पतालों, बाज़ारों और इंडस्ट्रियल ज़ोन में फ़ायर‑सेफ़्टी मानकों की अनदेखी कितनी महँगी पड़ सकती है।
• फ़ायर विभाग ने 50 से अधिक संवेदनशील स्थलों की अनिवार्य जांच शुरू कर दी है और बिजली विभाग को ट्रांसफॉर्मरों के थर्मल‑स्कैन आदेशित किए गए हैं।
अग्निशमन विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि गर्मी के मौसम में जर्जर वायरिंग, ओवरलोड ट्रांसफॉर्मर, ज्वलनशील कचरे तथा एयर‑कंडीशनर की नियमित सर्विसिंग को हल्का न लें। प्रशासन ने आग से जूझ रही इकाइयों के शीघ्र पुनर्संचालन का भरोसा दिया है, मगर जब तक स्थायी सुधार नहीं होते, लखनऊ की फ़िज़ा में खतरे की तपिश बनी रहेगी। नादरगंज में आग से घिरी ट्रांसफॉर्मर लाइन के बीच घुस कर लपटें शांत करने वाले दमकल कर्मियों ने एक बार फिर साबित किया कि वे शहर की जान और रौशनी दोनों बचाने की पहली दीवार हैं उनकी निस्वार्थ सेवा को सलाम।
विशाल कुमार चौधरी ब्यूरो लखनऊ