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मानवता का महोत्सव: ‘मानव एकता दिवस’ पर हमीरपुर में निरंकारी मिशन का भव्य रक्तदान शिविर लखनऊ

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21 भक्तों ने किया रक्तदान, 50 से अधिक ने कराया पंजीकरण; समागम में उमड़ा श्रद्धा और सेवा का सागर

 

हमीरपुर,

 

मानवता ही सर्वोच्च धर्म है” — इस विचार को आत्मसात करते हुए संत निरंकारी मिशन, हमीरपुर शाखा ने ‘मानव एकता दिवस’ के पावन अवसर पर एक विशाल रक्तदान शिविर एवं भक्ति समागम का आयोजन किया।

यह आयोजन निरंकारी सत्संग भवन, रमेड़ी (हमीरपुर) में संपन्न हुआ, जिसमें मिशन के 21 श्रद्धालुओं ने स्वेच्छा से रक्तदान कर समाज सेवा का उदाहरण प्रस्तुत किया, जबकि 50 से अधिक श्रद्धालुओं ने आवश्यकता पड़ने पर रक्तदान के लिए पंजीकरण कराया। यह शिविर प्रातः 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक चला। इस भव्य सेवा कार्य का उद्घाटन नगर पालिका अध्यक्ष माननीय कुलदीप निषाद जी ने किया। उन्होंने अपने उद्बोधन में निरंकारी मिशन की निःस्वार्थ सेवाओं की सराहना करते हुए कहा, “संत निरंकारी मिशन समाज को जोड़ने, सशक्त बनाने और सेवा की भावना को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य कर रहा है।” समागम में श्रद्धा और प्रेरणा का संगम

इससे पूर्व सुबह 8 बजे से 10 बजे तक वरदान गेस्ट हाउस में आयोजित समागम में श्रद्धालु भक्तों ने युगदृष्टा बाबा गुरबचन सिंह जी एवं मिशन के समर्पित सेवक चाचा प्रताप सिंह जी के पुण्य स्मृति दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस समागम की अध्यक्षता जिला संयोजक क्रांति कुमार निरंकारी जी ने की। उन्होंने अपने विचार रखते हुए कहा, “बाबा गुरबचन सिंह जी ने जो मानवता की लौ प्रज्वलित की, उसे आज संत निरंकारी मिशन पूरी दुनिया में सेवा, एकता और आध्यात्मिकता के रूप में आगे बढ़ा रहा है।”रक्तदान – सेवा का जीवंत रूप

ब्लड बैंक हमीरपुर की देखरेख में सम्पन्न हुए इस रक्तदान शिविर में रक्तदाताओं के लिए उत्तम स्वास्थ्य परीक्षण, स्वच्छता तथा जलपान की व्यवस्था की गई थी। यह शिविर केवल रक्तदान तक सीमित नहीं था, बल्कि यह सेवा, समर्पण और आध्यात्मिक चेतना का जीवंत उदाहरण बन गया। जिला संयोजक क्रांति कुमार जी ने जानकारी दी कि “संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन” विश्वभर में 500 से अधिक स्थानों पर रक्तदान शिविरों का आयोजन कर रही है। इस अभियान के अंतर्गत आज लगभग 30,000 यूनिट रक्त एकत्र किया गया, जो मिशन के निस्वार्थ सेवा भाव को दर्शाता है। बाबा हरदेव सिंह जी के संदेश “रक्त नाड़ियों में बहे, नालियों में नहीं” को केंद्र में रखकर, संत निरंकारी मिशन ने रक्तदान को केवल सामाजिक नहीं बल्कि आध्यात्मिक सेवा का रूप दे दिया है। बाबा गुरबचन सिंह जी के नेतृत्व में समाज में जो सकारात्मक चेतना आई—नशा मुक्ति, सादा जीवन, अंधविश्वास से मुक्ति और युवा जागरूकता—वह आज भी मिशन की प्रेरणा शक्ति बनी हुई है।

सैकड़ों श्रद्धालुओं की सहभागिता इस अवसर पर मौदहा, सुमेरपुर, बिंवार, ककरऊ, हमीरामऊ सहित जिले के विभिन्न क्षेत्रों से सैकड़ों श्रद्धालु भक्त सम्मिलित हुए और इस सेवाभावना के कार्यक्रम को सफल बनाया। यह आयोजन न केवल रक्तदान का कार्यक्रम था, बल्कि यह समर्पण, करुणा और विश्वबंधुत्व का संदेश लेकर आया। सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता जी के आशीर्वाद से यह दिवस मानवता के प्रति सेवा भावना का प्रतीक बन गया।

ज्ञान सिंह ब्यूरो रिपॉर्ट

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